Spiral Model in Hindi
Spiral (स्पाइरल) model में waterfall model तथा prototype model दोनों आते हैं, और यह waterfall model तथा prototype model दोनों का (combination model) मिश्रण होता है|
Spiral
model
को सन 1985 में BOHEM ने प्रस्तावित किया था, इस model का आकार spiral (घुमाओदार) होने की वजह से इसे Spiral
model कहते हैं|
Spiral
Model अधिक
खर्चीला होने के करण इसका प्रयोग सिर्फ बड़े projects के लिए किया जाता है, छोटे projects कम लागत में बनाये
जाते हैं, अर्थात इसका प्रयोग छोटे projects में नही किया जाता है, तथा यह model बहुत अधिक खर्चीला (expensive) है।
Spiral Model में total चार Phases होते हैं।
1:-Planning
2:-Risk analysis
3:-Engineering
4:-Evaluation
1.Pianning:- Planning phase में जितनी भी हमारी requirement है उसको एकत्रित किया जाता है, Planning phases में हम software को हम क्या achieve कराना चाहते हैं या उसके goal क्या है? उसके बारे में discuss करते है|
2.Risk analysis:- Risk Analysis phase में हम
जितनी भी Risk है उसको identify किया जाता है, तथा अगर कोई risk मिलता है तो उसका solution निकाला जाता है|
3.Engineering:- इंजीनियरिंग (Engineering) इसमें coding & testing की जाती है, development की पूरी प्रक्रिया इसी phase में आती है|
4.Evaluation:- Evaluation (इवोल्यूशन) phase में जो भी software बनके तैयार
हुआ है,
उसको
customer इवेलुएट करता है और तथा अपना feedback देते हैं|
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